सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा सभी ब्राह्मणों के पीछे लगे हैं, उत्तर प्रदेश में अचानक ब्राह्मण इतने महत्वपूर्ण क्यों हो गए हैं ? कभी उत्तर प्रदेश में संपन्न समझे जाने वाले ब्रह्मण, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भी अग्रणी भूमिका निभाई और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी सत्ता संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन आज यह समुदाय आज बेहद तंगहाल है. मुसलमानों को रिझाने और उनपर तमाम निवेश किये जाने तथा वोटों की बहुत महंगी कीमत चुकाने के बाद भी उ.प्र. के सन्दर्भ में एकआश्चर्य जनक तथ्य यह है कि पिछले तीन विधानसभा चुनावों में जिस पार्टी की भी प्रदेश में सरकार बनी है, वह ब्रह्मण वोटों के कारण ही बनी है और सभी सरकारों में सबसे ज्यादा ब्राहमण विधायक रहे हैं , 2007 में बसपा की सरकार में 41 ब्राम्हण विधायक थे, अखिलेश की सरकार में 21 तथा भाजपा की सरकार में 44 ब्राह्मण विधायक हैं. आज उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. हम सभी ने कहानियों में पढ़ा है कि “एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था” लेकिन आज स्थिति अत्यंत भयावह है. आज हर गांव, कस्बे और शहर में गरीब ब्राह्मण रहते हैं. एक