ब्रिटेन से निकलने वाले इकोनॉमिस्ट न्यूज़पेपर ग्रुप ने वर्ष 2006 में लोकतंत्र मापने का पैमाना विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रणाली / अवधारणा विकसित की और इसका नाम दिया गया "डेमोक्रेसी इंडेक्स" यह काम न्यूज़पेपर ग्रुप की इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट हर वर्ष करती है.इस सर्वे में दुनिया भर के 167 देशों को शामिल किया जाता है और 1 से 10 अंकों वाले इस इंडेक्स मैं हर देश को मिलने वाले अंको के आधार पर इन देशों की संयुक्त सूची तैयार की जाती है जिससे तुलनात्मक पता चल सके कि किस देश में लोकतंत्र के क्या स्थिति है। 2018 की तुलना में 2019 में भारत की स्कोर तालिका में 33 बेसिस प्वाइंट्स की कमी आई है और यह 7.23 से घटकर 6.90 हो गया है और इसके कारण सूची में भारत का स्थान 41 वीं पोजीशन से गिरकर 51 वी पोजीशन पर आ गया है। ऐसा क्यों हुआ ? इसको समझने के लिए इंडेक्स की कार्यप्रणाली समझना आवश्यक है. लोकतांत्रिक इंडेक्स में 60 संकेतको के आधार पर एक प्रश्नावली बनाई गई है और हर संकेतक के लिए अंक निश्चित किए गए हैं। इन 60 संकेतकों को पांच समूहों में रखा गया है जो इस प्रकार हैं