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२६ मई २०२१ को होने वाले वर्ष के सबसे बड़े सुपरमून को सुपर ब्लड मून क्यों कहा जा रहा हैं ? इसमें क्या ख़ास है ?

  २६ मई २०२१ को होने वाले वर्ष के सबसे बड़े सुपरमून को सुपर ब्लड मून क्यों कहा जा रहा हैं ? इसमें क्या ख़ास है ? क्या होता है सुपरमून ? पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी 384400 किलोमीटर मानी जाती है तथा चन्द्रमा के पृथ्वी के चक्कर लगाने के कारण इसकी पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होने पर ये दूरी लगभग 405696 किलोमीटर मानी जाती है। इस स्थिति को अपोगी कहते हैं। इसके ठीक विपरीत चंद्रमा के पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होने की स्थिति को पेरिगी कहते हैं जिसमें पृथ्वी और चंद्रमा की बीच की दूरी लगभग 357000 किलोमीटर रह जाती है। यदि चंद्रमा के पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा पड़ती है तो सुपरमून दिखाई देता है।यानी जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है तो उस समय पृथ्वी वासियों को इसका आकार बड़ा दिखाई पड़ता है और इसकी चमक भी अधिक दिखाई पड़ती है. 26 मई २०२१ को चंद्रमा सामान्य दिनों के मुकाबले करीब 7 % अधिक बड़ा दिखाई देगा। आकार के अलावा इसकी चमक भी आम दिनों की तुलना में करीब 16 % अधिक होगी। इस दिन चंद्रमा धरती के सबसे करीब होगा। वर्ष में न्यूनतम 12 पूर्णिमा पड़ती हैं। कभी-कभी 13 पूर्णिमा भी होती हैं। मगर ऐसा कम ही हो