जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठक के क्या निहातार्थ है ? सरकार को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
कश्मीरी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठक के संदेश और दूरगामी परिणाम कश्यप ऋषि के नाम से बनी कश्मीर घाटी जिसमें हजारों वर्ष पुरानी सनातन संस्कृति के साथ कश्मीर के मूल निवासी कश्मीरी पंडितों की लगभग 6000 साल पुरानी सामाजिक, साहित्यिक, और दार्शनिक संस्कृति समाहित है, जो आज अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष के अंतिम पड़ाव पर है और शायद कुछ वर्षों बाद उनका संघर्ष स्वत: समाप्त हो जाएगा और कम से कम कश्मीर के लिए कश्मीरी पंडित एक इतिहास बन जाने के कगार पर हैं. कैसे नासूर बनी कश्मीर समस्या ? आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि कश्मीर की समस्या जवाहरलाल नेहरू की गलत नीतियों की वजह से हुई. १९४६ में कश्मीर के राजा द्वारा उन्हें गिरफ्तार किये जाने को वे व्यतिगत दुश्मनी मानते मानते शेख अब्दुल्ला के जिगरी दोस्त बन गए और अंग्रेजों के बुने जाल में फस गए. भारत विभाजन के ठीक 2 महीने बाद पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर पर आक्रमण और एक बड़े भूभाग पर कब्जा कर पाने के पीछे भारत सरकार द्वारा समय पर सैन्य सहायता न पहुंचाना मुख्य कारण और समस्या की जड़ है. सरकार ने सेनाओं को भी खुली छूट न